रवाँ-दवाँ [1] जिंदगी, किश्तों मे जीता हूँ
बिखरी-सी ज़िल्द ये, ख्वाबों से सीता हूँ ।
देख मुस्कुराते वो, दिलों मे हैं साजिशें
मैं जहाँ की जान हूँ, उनका फजीता [2] हूँ ।
तहें खींच के अपनी, बनते लिबासों से
मेरा पैबंद बना , औ’ मैं ही फीता हूँ ।
भरा हूँ फ़िराक़ [3] से, अश्क में सना हुआ
पिन्हाँ [4] है आग आज, सुलगा पलीता हूँ ।
खोजता तबस्सुम [5] हूँ, आँखों में खंजर है
जंग में मै द्रौपदी, नज़्मों मे सीता हूँ ।
हिंदी है जान मेरी, और उर्दू माशूका
मैं ही क़ुरआन बना, औ’ मैं ही गीता हूँ ।
तसव्वुरों भरा, कितना मैं रीता [6] हूँ
किश्तों शिकस्त मिली, लेकिन मैं जीता हूँ ।
1. Frenzied 2. Embarrassment 3. Separation /renunciation 4. Hidden /latent 5. Smile 6. Empty
nazm #urdu #ghazal
वाह काव्यासटर साहेब। फ़िज़ा गूंज उठी आपकी वाहवाही में.. नज़्म आपकी तहज़ीब से जो तरजीह दी है। बहुत खूब 🌹🌹
शुक्रिया विजय भाई। आपका कमेंट भी शायराना है।